केलांग। जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं जो पर्यटन विभाग और सैलानियों की नजराें से दूर हैं। ऐसा ही घाटी का प्रसिद्ध अनछुआ पर्यटन स्थल नीलकंठ है, जो सड़क सुविधा से कटा हुआ है। यहां ठहरने के लिए भी उचित व्यवस्था नहीं है। लाहौल कांग्रेस के महासचिव फुंचोग अंबरूप भानु ने प्रदेश सरकार से ऐतिहासिक नीलकंड झील को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि घाटी के चोखंग गांव से 23 किलोमीटर दूर स्थित नीलकंठ झील समर के मौसम में सैलानियों को अपनी ओर बरबस आकर्षित करती है, लेकिन सुविधाओं के अभाव में सैलानियों का यहां पहुंचना मुश्किल भरा हो जाता है। कहा कि झील के बीच आने वाले नैनगाहर तक वाहन तो जाते हैं लेकिन यहां से 15 किमी का रास्ता पैदल तय करना पड़ता है। अंगरूप ने कहा कि करीब डेढ़ किलोमीटर की परिधि में फैली नीलकंठ झील बेहद आकर्षक का केंद्र है। कहा कि अगर यहां सरकार विश्राम गृह सहित अन्य सुविधाएं प्रदान करती है तो यहां पर्यटकों की आवाजाही में वृद्धि होगी।
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